अंबाला के मुलाना क्षेत्र में तांत्रिक पर नवविवाहिता से दुष्कर्म का आरोप-गिरफ्तारी: कोर्ट में पेश, 14 दिन की न्यायिक हिरासत
मुलाना (अंबाला)-थाना अंतर्गत झाड़ फूंक कराने आई नवविवाहिता से कथित दुष्कर्म के मामले में आरोपी तांत्रिक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया; स्थानीय पुलिस ने मेडिकल परीक्षण सहित प्रारंभिक कार्रवाई पूरी की।
प्रमुख घटनाक्रम
हरियाणा के अंबाला जिले के मुलाना थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिसमें एक नवविवाहिता महिला ने स्थानीय तांत्रिक, रोहताश (हिरणछप्पर गाँव, यमुनानगर) पर आरोप लगाया है कि झाड़-फूंक करने के नाम पर उसे तांत्रिक ने अकेले कमरे में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना का विवरण
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घटना अनुसार, महिला अपने पति व सास के साथ तांत्रिक रोहताश के पास गई थी, जो कि मुलाना थाना क्षेत्र के एमएम यूनिवर्सिटी रोड के पास किराये के घर में झाड़-फूंक की क्रिया करता था।
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महिला का कहना है कि जब पति कमरे के बाहर रखे गए थे, तांत्रिक ने महिला को कमरे में अकेला बुलाया और उसी अवसर का फायदा उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
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इसके बाद महिला ने अपने परिजनों को बताया और वह मुलाना थाने पहुंची, जहाँ शिकायत दर्ज करवाई गई।
पुलिस एवं अन्य कार्रवाइयां
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थाना प्रभारी प्रमोद राणा ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद मेडिकल जांच करवायी गयी और आरोपी को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया।
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कोर्ट ने आरोपी तांत्रिक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
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प्रारंभिक जाँच में शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया गया है तथा आरोपी के विरुद्ध मेडिकल परीक्षण व अन्य साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रभाव एवं सामाजिक-आध्यात्मिक पहलू
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इस तरह का मामला दर्शाता है कि “तांत्रिक” या “झाड़-फूंक” करने वालों के नाम पर महिलाएं जोखिम में पड़ सकती हैं, जब इसमें व्यक्तिगत स्थान, आस्था और शक्ति-संबंधित दबाव काम करते हैं।
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स्थानीय स्तर पर इस घटना ने चिंता पैदा की है कि कैसे आध्यात्मिक आड़ में अपराध हो सकते हैं, और पीड़ित महिलाओं को सहायता एवं न्याय मिलना चाहिए।
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पुलिस एवं प्रशासन को यह संदेश जाता है कि इस प्रकार की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, आस्था-साधना और अपराध के बीच का अंतर स्पष्ट होना चाहिए, तथा महिलाओं के आत्म-सुरक्षा-साधनों को बल मिलना चाहिए।
आगे की प्रक्रिया
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आरोपी पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जाँच अधिकारी साक्ष्य जुटा रहे हैं। (जाँच अधिकारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया)
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अगले कदम में हो सकती है: आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना, पीड़ित को कानूनी एवं मानसिक मदद उपलब्ध कराना, और ऐसे मामलों में पुलिस-प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
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स्थानीय सामाजिक-संगठन एवं महिला-सशक्तिकरण समूह इस मामले को मॉनिटर कर सकते हैं कि न्याय प्रक्रिया सुचारु रूप से चले।
निष्कर्ष
मुलाना थाना क्षेत्र में तांत्रिक के खिलाफ नवविवाहिता द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप ने ना सिर्फ एक व्यक्ति को न्याय-प्रक्रिया में लाया है बल्कि सामाजिक चेतना को भी झकझोर दिया है। आरोपी पहले हिरासत में है और आगे की कानूनी कार्रवाई प्रक्रिया में है। यह मामला हमें याद दिलाता है कि आस्था-चरित्रित व्यक्तियों के नाम पर होने वाली गतिविधियों में सतर्कता बेहद आवश्यक है, विशेषकर महिलाओं के संदर्भ में।
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