Header Ads ADSETTERA

  • Breaking News

    हल्द्वानी मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक गिरफ्तार, एक आरोपी निकला सपा नेता का भाई




    उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध मदरसे पर बलडोजर चलाने गई नगर निगर औऱ पुलिस की टीम पर हमले और हिंसक घटनाक्रम के चलते पूरे जिले में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही है, इसी बीच पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है क्योंकि हिंसा का मुख्य मास्टरमाइंड यानी अब्दुल मलिक गिरफ्तार कर लिया गया है।


    इसके अलावा अन्य 5 आरोपी भी गिरफ्त में आ गए हैं। इनमें से एक आरोपी सपा नेता का भाई भी निकला है।

    जानकारी के मुताबिक, अब्दुल मलिक ही वो खूंखार मास्टरमाइंड है जिसने धर्म के नाम पर सरकारी जमीन को कब्जा किया था और उस पर मस्जिद और मदरसा खड़ा किया। इसके साथ ही प्रशासन के खिलाफ लोगों को भड़काने में भी इस शख्स की ही भूमिका बताई जा रही है। हल्द्वानी जैसे शहर को हिंसा की आग में झोंकने का मुख्य आरोपी भी यही अब्दुल मलिक है। इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हुई है, जबकि पुलिसकर्मियों 300 से ज्यादा लोग इस हिंसा में बुरी तरह घायल हुए हैं।

    पुलिस ने बताया है कि उसने जिसान परवेस, जावेद सिद्दकी, महबूब आलम और अरसद अयूब को गिरफ्तार किया है। ये चारों वहीं हैं, जिन्हें इस मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। अब इनसे ताबड़तोड़ पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया है कि इन आरोपियों में एक सपा नेता का भाई है। हालांकि पुलिस ने इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं दी है। दूसरी ओर हालांकि राहत की बात यह है कि पूरे शहर से अब कर्फ्यू हटा लिया गया है। घटना वाले क्षेत्र बनभूलपुरा में यह कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।

    उपद्रवियों को गोली मारने के थे आदेश

    पुलिस के अनुसार इन आरोपियों ने हिंसा के लिए पेट्रोल बम का सहारा लिया और पुलिस बल तक पत्थरबाजी की थी। ये उपद्रवी आम लोगों औऱ उनकी गाड़ियों को भी निशाना बना रहे थे और कई गाड़ियों में आग तक लगा दी थी। इसके चलते सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे।

    2014 तक बंजर था इलाका

    अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के साथ ही सामने आया है कि जिस सरकारी जमीन को लेकर विवाद हुआ था, उसी जमीन को अब्दुल मलिक 50 रुपये के स्टांप पर जमीन बेच रहा था। उसने वह जमीन सैकड़ों लोगों को बेची थी। यह भी खुलासा हुआ है कि 2014 तक मलिका का बगीचा कुछ नहीं था लेकिन 2017 से लेकर 2023 तक अब्दुल ने अपने साथियों के साथ मिलकर 50 रुपये के स्टांप में कई लोगों को जमीन बेची थी। 2017 के बाद ही यहां मस्जिद मदरसा और मकान बनाए गए। इसके बाद घरों का बनना और प्लाटिंग हुई थी, जो कि पूरी तरह सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से किया गया था।

    No comments

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad