📰 राजस्थान के चुरु में मां ने गला घोंटकर नवजात की हत्या की — मानसिक और आर्थिक तनाव बताया कारण
📍 अस्पताल में प्रसव के कुछ घंटे बाद हुई दर्दनाक वारदात, पुलिस ने जांच शुरू की
चुरु (राजस्थान), 10 नवंबर 2025:
राजस्थान के चुरु जिले से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक मां ने अपने नवजात बेटे का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। यह वारदात सरकारी अस्पताल के प्रसूति वार्ड में हुई, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।
🕒 घटना का पूरा विवरण
जानकारी के अनुसार, चुरु जिले की रहने वाली गुड्डी देवी (40 वर्ष) ने सोमवार सुबह सरकारी अस्पताल में अपने पाँचवें बच्चे को जन्म दिया था। जन्म के कुछ ही घंटे बाद जब बच्चा मां के पास था, उसी दौरान उसने कथित रूप से उसका गला घोंट दिया।
अस्पताल कर्मियों के अनुसार, जब नर्स कमरे में पहुँची तो बच्चे की गर्दन पर निशान दिखाई दिए और वह अचेत अवस्था में था। तुरंत डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।
घटना की सूचना अस्पताल प्रशासन ने थाना सदर पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुँची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
👮♀️ पुलिस की कार्रवाई
चुरु पुलिस ने इस मामले में मां गुड्डी देवी के खिलाफ हत्या (धारा 302) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
थाना प्रभारी के अनुसार,
“प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि महिला मानसिक और आर्थिक तनाव में थी। उसका पति लकवाग्रस्त (पैरालाइज्ड) है, और परिवार की सारी जिम्मेदारी उसी के ऊपर थी।”
पुलिस ने बताया कि महिला अभी अस्पताल में ही भर्ती है और स्वास्थ्य ठीक होते ही उसे हिरासत में लिया जाएगा।
💔 मानसिक और आर्थिक तनाव बना कारण
पड़ोसियों और परिजनों के मुताबिक, परिवार बेहद गरीब था और पहले से ही चार बच्चे हैं।
महिला ने हाल ही में अपने पति के इलाज के लिए कर्ज भी लिया था। परिजनों ने बताया कि वह पिछले कुछ महीनों से “तनाव में और चुपचाप रहने लगी थी।”
पुलिस को शक है कि महिला ने इसी तनाव में आकर यह कदम उठाया।
📊 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
डॉक्टरों की टीम द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम में यह स्पष्ट हुआ है कि बच्चे की मौत गला घोंटने से हुई है।
रिपोर्ट में गर्दन पर गहरे निशान पाए गए हैं, जिससे हत्या की पुष्टि होती है।
⚖️ सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना न केवल समाज को झकझोरने वाली है, बल्कि यह कई गहरे सवाल भी उठाती है —
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क्या प्रसव के बाद महिलाओं की मानसिक स्थिति की जांच और देखभाल के लिए पर्याप्त व्यवस्था है?
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क्या समाज में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को कोई वास्तविक सहयोग मिल पाता है?
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और सबसे अहम — मातृत्व के दबाव में महिलाएं अकेली क्यों महसूस करती हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला पोस्टपार्टम डिप्रेशन (प्रसवोत्तर अवसाद) का भी संकेत हो सकता है, जिसमें महिलाएं भावनात्मक रूप से टूट जाती हैं और कभी-कभी खतरनाक कदम उठा लेती हैं।
🧭 निष्कर्ष
राजस्थान के चुरु की यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि गरीबी, मानसिक तनाव और असहायता किस तरह एक मां को भी इस हद तक पहुँचा सकती है।
पुलिस जांच जारी है, और सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि ऐसी महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य सहायता और आर्थिक सहयोग दिया जाए।
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