'हिंदू कोई धर्म नहीं, जो ईसाई नहीं बने उन्हें तब तक मारो जब तक खून न निकल जाए': जहर उगलने वाले पादरी के नाम पर DMK सरकार ने कर दी तमिलनाडु की सड़क, भारत को बताता था 'ईसाई मुल्क'
चेन्नई के किलपौक इलाके की वाडेल्स रोड का नाम 'आर्चबिशप एज्रा सरगुनम रोड' रखा गया है।
यह नाम तमिलनाडु सरकार द्वारा दिवंगत ईसाई प्रचारक और बिशप एज्रा सरगुनम के सम्मान में रखा गया है।
इसका औपचारिक उद्घाटन एक समारोह में किया गया, जिसमें डीएमके मंत्री के एन नेहरू, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट (HR&CE) मंत्री शेखरबाबू, चेन्नई मेयर आर प्रिया और डीएमके विधायक इनिगो इरुधयराज मौजूद थे।
नाम बदलने के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर डीएमके सरकार की काफी आलोचना हो रही है। कई लोगों ने एज्रा सरगुनम के हिंदू विरोधी बयानों को लेकर सवाल उठाए हैं। आलोचकों का कहना है कि एज्रा ने हमेशा हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की।
It is a shame that the DMK Government has named Waddels road in Chennai after Late Father Ezra Sargunam, a known-Hindu hater.
— Nainar Nagenthiran (@NainarBJP) July 22, 2025
The video I have attached is proof of the venom he has spewed against Hindus. He has openly instigated violence against Hindus.
Is there no limits for… pic.twitter.com/QjbnZpLABT
तमिलनाडु में बीजेपी के राज्य अध्यक्ष और विधायक नैनार नागेंद्रन ने DMK के इस फैसले पर आक्रोश जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा की। इसमें उन्होंने एज्रा के वीडियो के क्लिप लगाए हैं। इनमें साफ तौर पर एज्रा को हिंदू धर्म के प्रति नफरत फैलाते और लोगों को भड़काते हुए सुना जा सकता है।
नैनार नागेंद्रन ने अपनी पोस्ट में लिखा, "ये शर्म की बात है कि DMK ने चेन्नई के वाडेल्स रोड का नाम उस एज्रा सरगुनम के नाम पर रखा है जो हिंदुओं के प्रति नफरत फैलाता था। मेरी पोस्ट में लगी वीडियो इस बात का प्रमाण है कि उसके मन में हिंदुओं के लिए कितना जहर था। उसने खुले तौर पर हिंदुओं के साथ हिंसा करने के लिए लोगों को उकसाया।"
"There is nothing called as a Hindu Religion, Punch them in their face couple of times, make them bleed and help them understand the truth" - Bishop Ezra Sargunam, now you know why M.K.Stalin wants to uproot Sanatana Dharma. pic.twitter.com/L8lwwZMVop
— Vishwatma 🇮🇳 ( மோடியின் குடும்பம் ) (@HLKodo) June 12, 2019
नैनार नागेंद्रन ने आगे लिखा, "क्या डीएमके के पास अब अल्पसंख्यकों की तुष्टीकरण की राजनीति की कोई सीमा नहीं रह गई है? तमिलनाडु के लोग इसे देख रहे हैं। मैं तमिलनाडु सरकार से गुजारिश करता हूँ कि वाडेल्स रोड का नाम एज्रा सरगुनम के नाम से बदलने के फैसले को निरस्त किया जाए।"
नैनार नागेंद्रन ने जिस वीडियो को अपने पोस्ट में लगाया है उसमें एज्रा को कहते हुए सुना जा सकता है जो लोग आज हिंदू कहे जा रहे हैं, इतिहास में उनका कोई नाम ही नहीं रहेगा। हिंदू धर्म पूरी तरह से एक कृत्रिम धर्म है। इस तरह का कोई धर्म होता ही नहीं है। कोई बोले कि वो हिंदू है तो उसे बोलो कि वो लोगों को धर्म के नाम पर धोखा दे रहा है। अगर कोई हिंदू ईसाई धर्म को स्वीकार न करे, तो उसको दो बार मारो। तबत मारो जब तक उसका खून न निकल आए। भगवान माफ कर देगा। "
इसके अलावा वीडियो में एज्रा को ये भी कहते सुना जा सकता है, "ये एक क्रिश्चियन देश है। 200 साल पहले इस देश में हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं था। मुझे नहीं पता कि मुस्लिम कैसे इसे बर्दाश्त कर रहे हैं। हो सकता है उन्हें ये अब तक समझ न आया हो या उनके लिए अभी समय नहीं है।"
.@narendramodi Sir how long will you bear with this and why? Sir be ruthless to this DMK AHs, these custards don't deserve your kindness or mercy, This is just a sample for the hatred shown in yesterday's DMK protest pic.twitter.com/uF2sFjGSiD
— Vishwatma 🇮🇳 ( மோடியின் குடும்பம் ) (@HLKodo) December 19, 2020
कौन था एज्रा सरगुनम?
ईसाई प्रचारक और ईवेंजेलिकल चर्च ऑफ इंडिया (ECI) के पूर्व प्रमुख एज्रा सरगुनम का कुछ दिनों पहले ही 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह एक कट्टर ईसाई प्रचारक और डीएमके का करीबी माने जाते था। उसके नेतृत्व में चर्च स्थापना का एक बड़ा मिशन चलाया गया था, जिसके तहत 2005 तक देशभर में दो हजार से अधिक चर्च बनाए गए थे। ECI ने उसके समय में 2056 तक भारत में एक लाख चर्च स्थापित करने का लक्ष्य रखा था।
उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भड़काऊ बयानों और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का खुला आह्वान भी किया था। उनका कहना था कि वे केवल अपने धर्म का पालन करते हैं। डीएमके नेताओं की मौजूदगी सार्वजनिक मंचों पर अक्सर न केवल हिंदू धर्म के अस्तित्व को नकारा, बल्कि असहमत लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काने तक की बात कही। उसका कहना था कि हिंदू धर्म केवल राजनीतिक फायदे के लिए बनाया गया है।
साल 2018 के एक भाषण में एज्रा सरगुनम ने कट्टर इस्लामी संगठन SDPI को खुलकर हिंदुओं के खिलाफ खड़े होने के लिए उकसाया था। सरगुनम का ये बयान उस समय आया था, जब जबरन धर्मांतरण का विरोध करने वाले पीएमके कार्यकर्ता रामलिंगम की हत्या हुई थी।
वह अपने समर्थकों को निर्देश देता था कि अगर कोई हिंदू धर्म को असली धर्म मानता है तो उसे चुप कराना आवश्यक है और इसके लिए हिंसा करना भी गलत नहीं माना जाएगा। सरगुनम जानबूझकर सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए ऐसे बयान देता था।
सरगुनम ने सिर्फ हिंदुओं पर ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी अपमानजनक शब्द कहे थे। अपने एक भाषण में उसने न सिर्फ पीएम मोदी के चरित्र पर सवाल उठाए थे बल्कि उनके निजी जीवन का भी मजाक उड़ाया था।
अपने भाषण में सरगुनम ने कहा था मोदी न तो भगवान से डरते हैं और न ही जनता से। उसने कहा था कि मोदी ने कभी पारिवारिक जीवन की मुश्किलें नहीं झेली हैं, इसलिए वो प्रधानमंत्री बनकर शासक करने के योग्य नहीं हैं।
एज्रा सरगुनम का उद्देश्य किसी भी तरीके से भारत में ईसाई धर्म का प्रचार करना था। एक इंटरव्यू में उसने कहा था उसने हरिद्वार में हुए कुंभ मेले जैसे पवित्र हिंदू आयोजन में हिंदू तीर्थयात्रियों को ईसाई साहित्य बाँटा था। उसने बताया कि इस वजह से उसे वहाँ से भगाया गया था। उसने इसे हिंदुओं के खिलाफ अपने मिशन को और मजबूत करने का कारण बताया।
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