मुंबई आतंकी हमला, सोनिया का फूट-फूटकर रोना.. अपनी मां के आंसुओं पर प्रियंका गांधी ने दिया जवाब, भड़कते हुए अमित शाह को रगड़ दिया
संसद के मानसून सत्र के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस मुठभेड़ का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने सलमान खुर्शीद के 2012 के उस बयान का ज़िक्र किया जिसमें खुर्शीद ने दावा किया था कि 2008 में दिल्ली के जामिया नगर में हुए बाटला हाउस मुठभेड़ की तस्वीरें देखकर सोनिया गांधी भावुक हो गई थीं और उनकी आँखों में आँसू आ गए थे। इस बयान के जवाब में प्रियंका गांधी वाड्रा ने भावुक और तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक आतंकवादी हमले में मारे गए थे, जिसका दर्द उनकी माँ सोनिया गांधी ने बहुत गहराई से महसूस किया था।
अमित शाह ने सबसे पहले क्या कहा?
पहलगाम हमले के बाद लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आँसू बहाए, लेकिन इस मुठभेड़ में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आँखें नम नहीं हुईं। शाह ने यह भी आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के दौरान 2005 से 2011 के बीच 27 बड़े आतंकी हमले हुए, जिनमें लगभग 1,000 लोग मारे गए, लेकिन कांग्रेस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वे इन हमलों के खिलाफ यूपीए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का ब्यौरा दें।
प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद प्रियंका ने कहा, ‘मेरे पिता की जान एक आतंकवादी हमले में गई थी। मेरी माँ ने उस दुःख को जिया है। उनके आँसू उस क्षति के लिए थे, आतंकियों के लिए नहीं।’ गृह मंत्री अमित शाह के बयान को असंवेदनशील बताते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ राजनीतिक लाभ के लिए की जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने ज़ोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और उनकी माँ ने कभी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।
बाटला हाउस में क्या हुआ था?
बाटला हाउस मुठभेड़ 19 सितंबर 2008 को हुई थी, जिसमें दो आतंकवादी, आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद, मारे गए थे, जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए थे। इस घटना को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच लंबे समय से राजनीतिक घमासान चल रहा है। कांग्रेस नेताओं ने इस मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच की मांग की थी, जिसे भाजपा ने वोट बैंक की राजनीति करार दिया था। इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर राजनीतिक बहस को हवा दे दी है।
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