राहुल गांधी का बयान
ब्राउन यूनिवर्सिटी के वॉटसन इंस्टीट्यूट में एक चर्चा के दौरान राहुल गांधी से पूछा गया. हिंदू राष्ट्रवाद के दौर में सभी समुदायों को साथ लेकर चलने वाली धर्मनिरपेक्ष राजनीति कैसे बनाई जा सकती है? इसके जवाब में राहुल ने कहा ‘हमारे पौराणिक पात्र, जैसे भगवान राम, करुणामय और क्षमाशील थे. मैं बीजेपी की सोच को हिंदुत्व नहीं मानता. मेरे लिए असली हिंदू विचार बहुलतावादी, सहिष्णु और प्रेमपूर्ण है.’
राहुल ने बीजेपी को ‘फ्रिंज ग्रुप’ करार देते हुए कहा कि यह भारत की मुख्यधारा की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करती. उन्होंने भारत के समाज सुधारकों और राजनीतिक विचारकों को कट्टरता से दूर बताते हुए बीजेपी की विचारधारा पर सवाल उठाए.
बीजेपी का तीखा पलटवार
राहुल के बयान पर बीजेपी ने आक्रामक रुख अपनाया. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए लिखा ‘राम का अस्तित्व नकारने वाली कांग्रेस अब उन्हें पौराणिक पात्र कह रही है. यही पार्टी राम मंदिर निर्माण का विरोध कर चुकी है और ‘हिंदू आतंक’ जैसी अवधारणा गढ़ चुकी है. राहुल गांधी और सोनिया गांधी राम मंदिर के अभिषेक में शामिल नहीं हुए. यह उनकी राम विरोधी और हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.’
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कांग्रेस पहले राम को नकारती है फिर चुनाव आते ही सनातन प्रेम का ढोंग करती है. यह खुला हिंदू विरोध है. वहीं सीआर केसवन ने 2007 के यूपीए सरकार के हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है.
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने राहुल के बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से हटकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा ‘राहुल गांधी ने भगवान राम के करुणा और क्षमा जैसे गुणों की बात की थी. बीजेपी उनकी बात को तोड़-मरोड़कर हिंदू भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रही है
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