प्यास से मरेगा पाकिस्तान
सूत्रों के अनुसार, भारत जम्मू के रामबन में बगलिहार बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा हाइड्रो पावर बांध के जरिए अपनी तरफ से पानी छोड़ने के समय को नियंत्रित कर सकता है। यानी इन बांधों के जरिए पाकिस्तान पहुंचने वाले पानी को बिना किसी पूर्व चेतावनी के कम किया जा सकता है और प्रवाह को भी बढ़ाया जा सकता है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद दशकों पुराने इस समझौते को निलंबित कर दिया था।
रोका जाएगा झेलम का पानी
रामबन में बगलिहार बांध के गेट बंद होने के बाद चिनाब नदी का प्रवाह काफी कम हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चिनाब के पानी में कमी से पाकिस्तान की कृषि और पर्यावरण दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है। अब सरकार की प्लानिंग किशनगंगा डैम के जरिए झेलम की पानी रोकने पर है।
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