कनाडा में खालिस्तान के समर्थन में वोटिंग, ट्रूडो के एक्शन न लेने की Inside Story , देखे वीडियो
भले ही भारत, अमेरिका, पाकिस्तान से लेकर ब्रिटेन तक खालिस्तान समर्थकों ने क्यों न कोहराम मचा रखा हो. सिवाए पाकिस्तान के बाकी यह सभी देश आतंकवाद का खात्मा करने की समस्या से जूझ रहे हैं.
Thousands of Candian Sikhs in Canada voting for a separate state of Kh@listan chanting- "Tussi ki lena? Kh@listan" All this being allowed by Justin Trudeau Govt pic.twitter.com/0I4y00PYei
— Rosy (@rose_k01) July 5, 2023
अगर इस सनसनीखेज घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न हुआ होता, तो कनाडा में मौजूद खालिस्तान समर्थक और भारत के दुश्मन किस हद तक अपनी उतर आए हैं, इसकी भनक भी भारत को नहीं लग पाती. हालांकि, इस वायरल वीडियो की पुष्टि टीवी9 नहीं करता है. यह वीडियो किसी नंदिनी और रोजी नाम की दो महिला ट्विटर हैंडलर ने अपलोड किया. बुधवार को सुबह करीब पौने ग्यारह बजे यह वीडियो अपलोड होते ही दुनिया भर में इसकी चर्चा होने लगी.
'तुम्हें क्या चाहिए…? खालिस्तान…!' के दिखे पोस्टर
वीडियो में पंजाबी भाषा में लिखे कैप्शन का भी उल्लेख है जिसका मतलब हिंदी में है कि, 'तुम्हें क्या चाहिए…? खालिस्तान…!' इस कथित वायरल वीडियो में इन दोनों ही महिला ट्विटर हैंडलर ने दावा किया है कि, वीडियो के भीतर जो सिख लाइन में लगे आते-जाते दिखाई दे रहे हैं वे लोग, खालिस्तान समर्थकों की तादाद का अनुमान लगाने के लिए कराई जा रही वोटिंग में शामिल हो रहे हैं. यह वीडियो कनाडा के वेंकुवर का बताया जाता है. हालांकि अभी इस वीडियो की पुष्टि हिंदुस्तानी एजेंसियों ने अगर की नहीं है तो. वहीं दूसरी ओर बवाली वायरल वीडियो पर मचे कोहराम को लेकर कनाडा प्रशासन ने भी चुप्पी साध रखी है.
रोजी नाम की महिला ट्विटर हैंडलर ने इस वीडियो को बुधवार 5 जुलाई 2023 को सुबह करीब साढ़े आठ बजे अपलोड लिया है, जिसे खबर लिखे जाने तक यानी बुधवार दोपहर बाद करीब तीन बजे तक 3 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं, जबकि 1206 लोग री-ट्विट कर चुके हैं. रोजी के ट्विटर अकाउंट पर इस वीडियो को दोपहर तीन बजे तक 2 हजार 938 लोग लाइक कर चुके हैं, जबकि वहीं दूसरी तरफ इस वीडियो को नंदिनी द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किए जाने के बाद वहां, साढ़े नौ हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. 1 मिनट 34 सेकेंड का यह वीडियो नंदिनी ने सुबह करीब पौने ग्यारह बजे (बुधवार 5 जुलाई 2023) को अपलोड किया है.
बड़ी संख्या में सिख वोटिंग के लिए पहुंचे
इस कथित वायरल वीडियो में सैकड़ों की तादाद में सिख लाइन में लगे देखे जा सकते हैं. कुछ जगहों पर वीडियो में खालिस्तान का झंडा भी नजर आता है. वीडियो में वोटिंग लाइन में खड़ी भीड़ में युवा बुजुर्ग, महिला पुरुष हर आयुवर्ग के लोग शामिल दिखाई दे रहे हैं. जिस तरीके से वीडियो में इंतजाम किए गए नजर आते हैं, उससे साफ होता है कि यह अचानक बनाया गया नहीं अपितु, पूर्व नियोजित कार्यक्रम रहा है. क्योंकि मौके पर खालिस्तान के कई झंडे करीने से लगे दिखाई दे रहे हैं. वोटिंग करने आने जाने वालों को लाइन में खड़ा रखने के लिए, बाकायदा बीच में लंबे पाइपों-रस्सियों से पार्टीशन किया गया है. ताकि भीड़ तितर बितर न हो सके.
कनाडा के वेंकूवर शहर का है वीडियो
वेंकुवर में बने इस वीडियो की पुष्टि बुधवार दोपहर बाद तक न तो कनाडा ने ही की न ही हिंदुस्तान ने. हां, इस वीडियो की बात संज्ञान में आते ही हिंदुस्तानी एजेंसियां सतर्क जरूर हो गईं हैं. वीडियो में दिखाई दे रहे पोस्टर्स के ऊपर पंजाब और हिमाचल के कुछ हिस्सों को भी देखा जा सकता है. इन पोस्टर्स में जनमत संग्रह करवाने की तारीख 26 जनवरी पढ़ने में आती है. यानी जिस दिन हिंदुस्तान अपना गणतंत्र दिवस मनाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी तरह की खबरों से संबंधित कुछ पोस्टर्स बीते दिनों कनाडा के ओटावा में भारतीय दूतावास के आसपास लगाए गए थे. उन पोस्टर्स में तो तब कनाडा में मौजूद भारतीय राजनियकों को भी निशाना बनाए जाने को कहा गया था. ऐसे ही पोस्टर्स टोरंटो और वैंकुवर में भी लगे थे.
कनाडा में खालिस्तानियों की विरोध प्रदर्शन की तैयारी
अब यह असामाजिक तत्व (खालिस्तान समर्थक और भारत के कट्टर दुश्मन) 8 जुलाई 2023 को कनाडा स्थित भारतीय दूतावास के बाहर, बड़े प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे हैं, यहां जिक्र करना जरूरी है कि हाल ही में हिंदुस्तान के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि, कट्टरपंथी, चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा, भारत और उसके सहयोगी देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा या फिर ऑस्ट्रेलिया में से किसी के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है.
इस बारे में हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने टीवी9 से बातचीत में खुद की पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा, 'खालिस्तान के समर्थन में जनमत संग्रह कराए जाने को लेकर बुधवार को वायरल हुए इस कथित वीडियो का संज्ञान लिया गया है. इसमें कोई चिंता की बात नहीं. क्योंकि अक्सर इस तरह की भारत के खिलाफ ओछी हरकतें करके, आमजन का ध्यान बंटाने के लिए, भारत विरोधी तत्व कनाडा की धरती पर पहले भी अंजाम देते रहे हैं. फिर भी मौजूदा बदले हुए हालातों में, हमने कनाडा स्थित अपने सभी संस्थानों, विशेषकर दूतावास पर निगरानी तेज कर दी है.'
वायरल वीडियो पर क्या है एक्सपर्ट की राय?
उधर इस वायरल वीडियो के बारे में बुधवार दोपहर बाद टीवी9 ने नई दिल्ली में मौजूद पूर्व रॉ अफसर एन के सूद से एक्सक्लूसिव बात की. एन के सूद 40 साल की रॉ की नौकरी के दौरान, कई साल लंदन में रॉ के डिप्टी सेक्रेटरी रह चुके हैं. उन्हें हिंदुस्तानी हुकूमत ने रॉ का मुलाजिम होने के नाते, लंदन पोस्टिंग के दौरान खालिस्तान समर्थकों पर ही करीब से पैनी नजर रखने की जिम्मेदारी दी थी. बकौल एन के सूद, 'वायरल वीडियो आमजन के लिए चिंतित करने वाला हो सकता है. हिंदुस्तानी हुकूमत और रॉ या हमारी अन्य संघीय जांच एजेंसियों को चिंता की कोई बात नहीं है.
जो कुछ कनाडा में हो रहा है, उससे खतरा भारत को कतई नहीं है. सोचे तो अपनी कनाडा कि, आज वो इन खालिस्तानी चरमपंथियों के रूप में जो कांटे अपने यहां बो रहा है, वे आइंदा चुभेंगे भी कनाडा के ही पांवों में. भारत ने तो इन खालिस्तान समर्थकों को उस हद तक का हलकान कर रखा है कि, यह जो कुछ भी बेजा हरकत अंजाम देते हैं, वो कनाडा अमेरिका ब्रिटेन, पाकिस्तान में ही दे पाते हैं. भारत में अमृतपाल सिंह आया था. देखिए उसे हमारी एजेंसियों ने कैसे काबू करके बेदम कर दिया.'
No comments