पानीपत पुलिस के मुलाजिम रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुए. गोरक्षकों ने स्टिंग ऑपरेशन कर पुलिस की अवैध वसूली उजागर की. DSP ने कहा कि लिखित शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई होगी.
हरियाणा के पानीपत पुलिस के मुलाजिम रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हो गए. गोरक्षकों ने हरियाणा-UP बॉर्डर पर पशु मेले में भैंस ले जा रहे कैंटर ड्राइवरों के साथ मिलकर यह स्टिंग किया. गोरक्षकों ने बताया कि उत्तर प्रदेश बॉर्डर से 2 किलोमीटर पहले अवैध वसूली शुरू हुई. वहां पुलिस ने गाड़ियों को 300-300 रुपए लेकर आगे भेजा. टोल प्लाजा पार करने के बाद 150 मीटर दूर खड़े डायल 112 के कर्मचारियों ने दोबारा ड्राइवरों से 300-300 रुपए मांगे.
कैंटर ड्राइवरों ने रुपए न होने की बात कही तो पुलिसकर्मियों ने धमकी दी कि भैंसों को गाय बनाने में 1 मिनट ही लगेगा. हाथ जोड़ने पर 100-100 रुपए में 3 गाड़ियां को UP में प्रवेश दे दिया.उधर, स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो DSP हेडक्वार्टर को भेजा गया तो उन्होंने यह कहते हुए पुलिस का पक्ष रखा कि अभी इससे जुड़ी लिखित शिकायत नहीं मिली. शिकायत मिलती है तो जांच करके कार्रवाई करेंगे.
गोरक्षा दल से जुड़े दीपक और मंथन शर्मा ने बताया कि ईद को लेकर जिले में कई जगहों पर विशेष निगरानी टीम तैनात हैं. इसी दौरान हमें सूचना मिली कि कई गाड़ियों में गोवंश भरकर UP की ओर ले जाए जा रहे हैं, जिन्हें उन्होंने टोल प्लाजा के पास नाकाबंदी कर रुकवा लिया गया. चेकिंग के दौरान कैंटरों में भैंसे भरी मिलीं.
पूछताछ में कैंटर ड्राइवरों ने बताया कि UP के एक जिले में आयोजित पशु मेले से वे भैंसों को लेकर जा रहे हैं. दस्तावेज मांगने पर कैंटर के ड्राइवरों ने बताया कि वे हिसार क्षेत्र से ये पशु लाए हैं, लेकिन उनके पास कागज नहीं है. सवाल किया गया कि जब कागजात नहीं तो यहां तक कैसे पहुंचे ?
इस पर कैंटर ड्राइवर ने उन्हें बताया कि यहां तक वे पुलिसकर्मियों को पैसे देकर पहुंचे हैं. आगे भी पुलिस का एक नाका होने की सूचना मिली है, जहां अभी पैसे देने हैं. इसके बाद ही यहां से UP में प्रवेश मिलेगा. मंथन शर्मा ने बताया कि यह सुनने के बाद ही उन लोगों ने पुलिस की अवैध वसूली के खेल को उजागर करने का प्लान बनाया. पानीपत पुलिस पैसे लेकर गाय-भैंसों से भरी गाड़ियों को बॉर्डर क्रॉस करवा कर UP में प्रवेश दिलवाती है, लेकिन अधिकारी हमेशा इसके सबूत मांगते थे. इसी वजह से गोरक्षा दल के सदस्यों ने अलग-अलग कैंटर में बैठकर पुलिस की रिश्वतखोरी पकड़ने के लिए प्लान तैयार किया. सभी अलग-अलग कैंटरों में सवार हो गए.
पहले मांगे थे 300-300 रुपये फिर…
दीपक ने बताया कि कैंटर ड्राइवर आगे बढ़े तो पहले सनौली थाना के पास लगे नाके पर पुलिस की गाड़ी खड़ी थी. वहां 300 रुपए प्रति गाड़ी दी और फिर आगे की ओर निकले. आगे टोल प्लाजा क्रॉस करने के बाद पुलिस की डायल 112 की टीम खड़ी थी. यहां भी 300-300 रुपए प्रति गाड़ी मांगे. ड्राइवरों ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं है. इस पर पुलिसकर्मियों ने कहा कि सीधे-सीधे पैसे दे दो, नहीं तो भैंसों को गाय बनाने में एक मिनट नहीं लगेगा और केस लंबा हो जाएगा. काफी देर बहस होने के बाद पुलिसकर्मियों ने 100-100 रुपए प्रति गाड़ी लेकर उन्हें यूपी की ओर जाने दिया. इस तरह पूरा वीडियो बनाया
लिखित में शिकायत नहीं मिली हैः डीएसपी
इस बारे में DSP हेडक्वार्टर सतीश वत्स ने कहा कि उनके सरकारी नंबर पर एक नंबर से ये वीडियो आए हैं, जिसमें रिश्वतखोरी की बात कही गई है, लेकिन मामले की शिकायत नहीं मिली है.
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